बेटी की चुदाई
मेरा नाम निजाम अली खान है और मेरी आयु 53 साल है। मैं पेशे से रिटायर्ड टीचर हूं और दिल्ली में रहता हूं। मेरा कद 5 फीट 6 इंच और रंग गेहूंआ है। मेरा जिस्म पतला और चेहरा क्लीन शेव है। मैं दिखने में कुछ खास नहीं हूं लेकिन पैसा काफ़ी है। मेरी आंखों का रंग काला है और बाल सफेद हैं। अपने बालों की सफेदी छिपाने केलिए डाई लगाता हूं। मेरे घर में मैं और मेरी बेटी हैं। मेरी पत्नी और मेरे बेटे का 12 साल पहले दुर्घटना में देहांत हो गया था और मैंने दोबारा शादी नहीं की। बेटी की बुर ने सेक्स का दुःख दूर किया.
मेरी बेटी का नाम का नाम खुशबू खान है। उसकी आयु 23 साल और रंग गोरा है। वो दिखने में एकदम मस्त माल है और बहुत नमकीन है। उसका कद 5 फीट 4 इंच है। वो मुझे पापा बुलाती है और वो बिल्कुल अपनी अम्मी पर गई है। उसकी आंखों और बालों का रंग भूरा है और होंठ लाल एवं रसीले हैं। उसका बदन भरा हुआ और सेक्सी है। उसके बूब्ज़ और चूतड़ काफ़ी बड़े-बड़े और उभरे हुए हैं। अगर कोई उसको देखता है तो उसके नाम की मुठ जरूर मारेगा और उसको चोदने केलिए तड़पेगा। जब उसकी अम्मी का देहांत हुआ वो काफ़ी छोटी थी और मैंने ही उसको पाला-पोसा है।
मैंने कपड़े पहनने के मामले में कोई पाबंदी नहीं लगाई। वो ज्यादातर जींस टॉप या जींस शर्ट पहनती है और एमए दूसरे साल की छात्रा है। जींस के साथ जब हाई हील के सैंडिल पहनती है तो एक दम सेक्सी माल लगती है। उसकी मोटी गांड, बड़े-बड़े गोल बूब्ज़ और भरी हुई जांघों को देखकर मुंह से लार टपकने लगती है। उसकी फिगर का साईज 36-30-36 है और बूब्ज़ के निप्पलों का रंग हल्का गुलाबी है। उसकी गांड और बूब्ज़ काफ़ी भारी हैं और चलते हुए तो उसकी गांड कहर ढाती है। छोटी उम्र में ही उसके बूब्ज़ और गांड काफ़ी बड़ी है।
ये बात दो साल पहले की है। मेरा एक दोस्त मुझे घर मिलने आया और हम रूम में बातें करने लगे। बातों-बातों में मेरी बीवी जुनैदा की बात होने लगी। उसने मुझे पूछा कि शादी क्यों नहीं की तो मैंने कहा खुशबू की वजह से नहीं की। क्योंकि क्या मालूम दूसरी बीवी कैसी होगी और उसके साथ कैसा सलूक करेगी। उसने मुझे पूछा सेक्स की भूख का क्या करते हो।
मैंने कहा दिल तो बहुत करता है और सारी रात जागता रहता हूं। दिल में बहुत दर्द होता है लेकिन खुशबू के सामने जाहिर नहीं होने देता। अंदर से बहुत दुखी हूं लेकिन खुशबू के सामने खुश रहता हूं। उसने मुझे किसी रंडी के पास जाने को बोला लेकिन मैंने कहा कोई बीमारी लग सकती है या अगर किसी को मालूम हुआ तो खुशबू को बहुत दुख होगा। मुझे मालूम नहीं था कि खुशबू चुपके से सुन रही है।
रात को खाना खाकर मैं अपने रूम में बैठा किताब पढ़ रहा था और खुशबू मेरे रूम में दूध लेकर आ गई। उसने अपनी अम्मी की लाल साड़ी पहनी हुई थी जो मुझे बहुत पसंद थी। वो हमारी शादी की पहली सालगिरह पहन कर मेरे सामने आई थी। वो साड़ी बहुत झीनी है और उसके पल्ले से पेट साफ दिखाई देता है। उसका ब्लाउज़ पीछे से खुला है और आगे से गला बहुत गहरा है।
ब्लाउज़ के पीछे सिर्फ इलास्टिक की दो वारीक पट्टियां हैं औल आगे से बूब्ज़ की गोलाइयां दिखाई देती हैं। खुशबू को उस साड़ी में देख कर एक बार तो मुझे लगा कि मेरे सामने मेरी बीवी खड़ी है। उस दिन मैंने अपनी बेटी के बदन को गौर से देखा। वो बिल्कुल अपनी अम्मी पर गई है। उसके बूब्ज़ मेरी बीवी जितने बड़े हैं लेकिन गांड उससे बड़ी है। मैं सोच रहा था काश जुनैदा होती तो उसको चोद देता। खुशबू मेरे सामने खड़ी थी लेकिन अब मुझे वो अपनी बेटी नहीं बल्कि बीवी लग रही थी।
खुशबू मेरे बैॅड पर मेरे पास बैठ गई और कहा क्या सोच रहे हो पापा। मैंने कहा कुछ नहीं, बस ऐसे ही कुछ याद आ गया था। खुशबू ने कहा मुझे मालूम है पापा आपको अम्मी की याद आ रहई है और मैंने हां में सिर हिलाया। मैं चुप करके दूध पीने लगा और जुनैदा के बारे सोचने लगा। खुशबू ने मुझे थैंक्यू कहा और मैंने कहा किस बात केलिए। खुशबू ने कहा आप ने मेरे लिए बहुत कुर्बानी दी है और आप इतना दर्द दिल में छुपा कर मेरे सामने खुश रहते हो।
मैंने कहा ऐसा कोई दर्द नहीं बेटा मैं खुश हूं। खुशबू ने कहा मैंने आपकी और अंकल की सब बातें सुन ली थीं। मैं कुछ बोल नहीं पाया और वो सरक कर मेरे पास आते हुए बोली, पापा जो सुख से आप मेरी वजह से दूर रहे, अब मेरा फर्ज बनता है आपको वो दूं। मैंने कहा ऐसा कौन सा सुख बेटा। खुशबू ने कहा औरत का सुख पापा और आप उस सुख केलिए बहुत तड़पे हो।
मैंने खुशबू से कहा तुम मेरी बेटी हो यह गलत है। खुशबू ने कहा मैं जानती हूं ये गलत है लेकिन मैं आपको तड़पता हुआ नहीं देख सकती। पहले मुझे मालूम नहीं था अगर मालूम होता तो आपको दुखी नहीं होने देती। उसने साड़ी का पल्ले को नीचे गिरा दिया और मेरा एक हाथ अपने बूब्ज़ पर रख लिया। मैं हाथ खींचना चाहता था लेकिन बहुत सालों बाद किसी लड़की के कोमल बूब्ज़ का स्पर्श पाकर सब कुछ भूल गया। मैं धीरे-धीरे बूब्ज़ दबाने लगा और मेरा लंड खड़ा हो गया। तभी मुझे होश आया कि सामने मेरी बेटी है तो मैंने हाथ खींच लिया और उसको डांट कर जाने को बोल दिया। जाते-जाते खुशबू ने कहा मेरे रूम का दरवाजा खुला है अगर दिल करे तो आ जाना।
मैंने अपने रूम का दरवाजा बंद किया और बैॅड पर लेट गया। मुझे नींद नहीं आ रही थी, बार बार खुशबू के कोमल बूब्ज़ का स्पर्श याद आ रहा था। आधी रात तक मैं करवटें बदलते सोने की कोशिश करता रहा लेकिन सब फजूल रहा। मैं उठ कर खुशबू के रूम में आ गया। खुशबू वही साड़ी पहने लाईट जला कर सो रही थी। साड़ी का पल्ला साईड पर गिरा हुआ था और वो बाईं तरफ करवट लेकर लेटी हुई थी। उसके आधे बूब्ज़ दिख रहे थे और नंगा पेट दुधिया लाईट में चमक रहा था। उसके बदन का नजारा देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया और मैं उसके पीछे चिपक कर लेट गया।
मैंने अपना हाथ उसके चिकने पेट पर रखा और मेरा लंड साड़ी के ऊपर से उसकी मोटी गांड पर लग गया। मैंने सोचा कि मैं ऐसे ही मजा लेकर चला जाऊंगा और खुशबू को उठने नहीं दूंगा। लेकिन वो पहले ही जाग रही थी। मेरे हाथ का स्पर्श पाते ही वो बोली मुझे मालूम था पापा कि आप आओगे। मैंने कहा मुझ से रना नहीं गया बेटा, बहुत सालों बाद किसी लड़की के बदन को हाथ लगाया है।
खुशबू ने कहा आप जो चाहे कर सकते हो पापा। मैंने कहा तुम नंगी होकर मुझे मजा दिया करो। हम एक-दूसरे के बदनों से खेल कर अपनी आग शांत करेंगे। सम लोग एक-दूसरे के बदन को चूमकर गर्म करेंगे। मैं तुम्हारी चूत चाटकर और तुम मेरा लंड चूसकर पानी निकाल दिया करेंगे लेकिन चुदाई नहीं करेंगे। खुशबू नए चेहरे पर शरारत भरी स्माईल लाते हुए कहा ठीक है पापा।
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