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Part 2 😉

सुबह संगीता की नींद खुली, तो उसने अपने आप को मुकेश के नीचे पाया.

वो कसमसाते हुए उठी तो देखा मुकेश लंड अभी भी खड़ा है. उसने झुक कर लंड मुँह में ले लिया और एक बार चूस कर बाथरूम चली गयी.

वहां से वो नित्य क्रियाओं से फ्री होकर नंगी ही बाहर आकर. उसने बाहर आकर सिर्फ एक नाईट गाउन पहना, फिर किचन में जाकर सबके लिए चाय बनाने लगी.

वो पहले चिराग को उठाने गई.

संगीता उसके रूम में गई तो अन्दर जाते ही उसकी आंखें फैल गईं. स्नेहा और चिराग इस दुनिया से बेखबर एक दूसरे से लिपटे सोये पड़े थे.

स्नेहा की नाईटी अस्त व्यस्त होकर उसकी कमर तक चढ़ी हुई थी, जिसमें से उसकी साटन की झीनी सी पैंटी में गोल मटोल गोरी गांड फंसी हुई थी. उसकी केले जैसी चिकनी गोरी टांगें चमक रही थीं.

संगीता मन में सोचने लगी कि इस लड़की को कब अक्ल आएगी. ये अपने कमरे में सोने के बजाए यहां इस जवान भाई से लिपट कर बेखबर सोई पड़ी है, वो भी ऐसी हालत में.
अगर चिराग देख लेगा तो अनर्थ हो जाएगा.

संगीता अपनी इसी सोच से बाहर आते हुए आवाज लगाने लगी- स्नेहा, स्नेहा उठ इतनी बड़ी हो गई … शर्म नहीं आती तुझे भाई के साथ सोते हुए. चल उठ देर हो रही … कॉलेज नहीं जाना क्या?

स्नेहा एक मॉर्डन जमाने की वो लड़की है, जिसे इस सबसे कोई परहेज नहीं था.
वो दोनों भाई बहन कम … और दोस्त ज्यादा थे. आपस में अपनी हर बात शेयर करते थे.

और सबसे बड़ी बात ये कि इनके बीच कोई पर्दा नहीं था. एक दूसरे के चूत लंड भी नहीं छुपाते थे.
पर इन्होंने अभी तक कभी अपनी सीमा पार नहीं की थी.

“गुड मॉर्निंग मॉम.” अपनी मां की गोद में सिर रखते हुए स्नेहा बोली.
संगीता- बेटी तू अब बड़ी हो गई है, अपने कपड़ों का ध्यान रखा कर. तू देख जरा … ये क्या हालत कर रखी है!

उसने स्नेहा की नाईटी की तरफ इशारा करके कहा- अगर चिराग तुझे इस तरह देख लेता … तो तुझे अच्छा लगता?
स्नेहा- कम ऑन मॉम … कुछ नहीं होता. ये मेरा सोहना भाई है … ये कभी कुछ गलत कर ही नहीं सकता. और आप मुझे कह रही हो, अगर आपको चिराग इस प्रकार देख ले तो!

उसने संगीता की हिलती हुई पिलपिली चूची पकड़ कर कहा, तो संगीता बनावटी गुस्से में थोड़ा शरमाते हुए- क्या करती है छोड़ मुझे … दिन ब दिन बेशर्म होती जा रही है और तू अपने रूम में क्यों नहीं सोती?

स्नेहा मुस्कुरा कर मजे लेते हुए अपनी मॉम की एक चूची हल्के से दबा कर बोली- कल रात आप दोनों की यहां तक आवाजें आ रही थीं.
संगीता मन में बोली ‘हे भगवान … ये कैसे हो गया.’ फिर संभल कर बोली- चल झूठी … हम ऐसा वैसा कुछ नहीं कर रहे थे … वो तो वो तो …

स्नेहा एकदम से हंसते हुए बोली- क्या ऐसा वैसा मॉम?
संगीता उसकी बात समझ कर बोली- मार खाएगी तू किसी दिन, चल उठ देर हो रही अब.

ये बोल कर वो बाहर जाने लगी.

स्नेहा उछल कर बिस्तर से बाहर आई और एक झटके में अपने सिर से नाईटी निकाल कर संगीता के ऊपर फैंक दी. फिर केवल ब्रा-पैंटी में दौड़ते हुए अपने रूम में भाग गई.

संगीता- किसी दिन हमारी नाक कटवायेगी ये लड़की … जब देखो बचपना करती फिरती है. फिर जैसे ही उसकी नजर अपने लाड़ले एकलौते बेटे चिराग पर पड़ी, तो उसके मन से एक आवाज उठी कि कितना मासूम है मेरा बेटा.

वो उसके पास जकर प्यार से उसके सिर पर हाथ फेरते हुए बोली- चिराग बेटा उठ … कॉलेज जाने में देर हो जाएगी.

चिराग- गुड मॉर्निंग स्वीट मॉम, थोड़ी देर और सोने दो ना … कितने बज गए हैं?
संगीता- साढ़े सात बज रहे हैं, चल उठ वरना लेट हो जाएगा.

चिराग उठ कर मॉम के हाथ से चाय लेकर पीते हुए बोला- वो भूतनी उठी या नहीं?
संगीता- बेटा वो अब बड़ी हो गई है. उसको यहां मत सोने दिया कर.

चिराग- मॉम अभी बच्ची है वो, ये पूरा घर उसका है. जहां मर्जी सो जाए … इसमें छोटी बड़ी की क्या बात है!
संगीता- बिगाड़ उसको … मुझे क्या.

वो भुनभुनाते हुए निकल गई- मैं नाश्ता बना रही हूं, जल्दी तैयार होकर नीचे आ जाना.

संगीता नीचे जाने लगी, तभी उसको अहसास हुआ कि उसकी चूंचियां बिना ब्रा के सचमुच कुछ ज्यादा ही हिल रही हैं.

संगीता को अपने बेटे चिराग के सामने अपनी चूचियां हिलती हुई महसूस हुईं तो वो सोचने लगी कि उसका बेटा न जाने क्या सोच रहा होगा.

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Mayanb

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